माधव नगर में तुड़ाई करने पहुंचा अमला, स्थानीय निवासी बाेले-कचरा नहीं उठता इसलिए बनाया चबूतरा
ग्वालियर। शहर की पॉश कालोनियों में शामिल माधव नगर में उच्च न्यायालय के आदेश पर शनिवार काे तुड़ाई शुरू हाे गई है। इस दाैरान दुकानाें काे सील करने की कार्रवाई भी की गई है। इस दाैरान स्थानीय निवासियाें ने विराेध दर्ज कराते हुए कहा कि यहां पर कचरा उठाने के लिए गाड़ी नहीं आती है, इसलिए आगे चबूतरा बनाया है। जिससे लाेग यहां पर कचरा नहीं फेंके। वैसे भी यह किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है।
माधव नगर इलाके में शुक्रवार काे तुड़ाई हाेना थी, लेकिन पुलिस फाेर्स नहीं मिलने के कारण कार्रवाई टल गई थी। शनिवार काे पुलिस बल मिलते ही निगम अमले ने तुड़ाई शुरू कर दी है। यहां पर करीब चारीस मकान मालिकाें काे नाेटिस दिए गए थे, इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अब निगम इन अवैध निर्माण काे ताेड़ने की कार्रवाई कर रहा है। उधर स्थानीय निवासियाें ने तुड़ाई रूकवाने के लिए सांसद से लेकर विधायक सतीश सिकरवार तक से गुहार लगा ई थी, लेकिन न्यायालय का आदेश हाेने के कारण कहीं से राहत नहीं मिली है। शनिवार काे निगम अमले ने पुलिस फाेर्स के साथ माधव नगर में पहुंचकर अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है। जेसीबी से अवैध निर्माण ढहाने के साथ ही यहां पर दुकानाें काे भी सील किया जा रहा है। पुलिस बल की माैजूदगी के कारण किसी के द्वारा किसी प्रकार का विराेध नहीं दर्ज कराया गया है।
क्याें हाे रही तुड़ाईः शहर की पॉश कालोनी माधव नगर काे आवासीय कालोनी के रूप में नगर निगम से मंजूरी मिली थी, लेकिन शहर के बीच एवं पॉश कालोनी होने से यहां पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने लगी हैं। माधव नगर में कई बड़े डॉक्टर्स के अस्पताल हैं। इन क्लीनिक, कोचिंग सेंटर, चाय, पान की गुमटी, आदि व्यावसायिक गतिविधियों के विरोध में उच्च न्यायालय में कवल जीत द्वारा याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद न्यायालय ने नगर निगम को कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद 2014 में नगर निगम ने कार्रवाई कर यहां पर संचालित हो रही व्यवसायिक गतिविधियों को बंद करा दिया था। कुछ समय बाद लोगों ने फिर से यहां पर अपने कारोबार प्रारंभ कर दिए। इसके बाद उच्च न्यायालय में फिर से याचिका लगाई गई थी। इसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नगर निगम आयुक्त को आदेश जारी किया था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह उन पर कार्रवाई करेगा।
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