सीएम योगी आदित्यनाथ का मिशन रोजगार, जिलों में ही नौकरी देने के निर्देश; दूर होगा बड़ा संकट
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन रोजगार को लेकर एक शासनादेश जारी किया है। जिसके तहत अब जिलों में ही लोगों की नौकरी की व्यवस्था की जाएगी। जिससे प्रदेश में नौकरी को लेकर चल रहा बड़ा संकट समाप्त हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री अपने चार वर्ष के कार्यकाल में करीब चार लाख लोगों को नौकरी देने का काम कर चुके सीएम योगी आदित्यनाथ अब बड़ा रिकॉर्ड बनाने की ओर हैं। मुख्यमंत्री ने मिशन रोजगार को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है और इसका शासनादेश भी जारी हो गया है। इसके तहत अब अधिकारियों को सभी 75 जिलों में रोजगार के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। सभी को सरकारी नौकरी, स्वरोजगार और प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसर जुटाने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारियों को इसका के लिए डाटाबेस तैयार करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला सेवायोजन कार्यालय को केंद्र बनाकर कार्यवाही संचालित की जाए। इसमें जिला सेवायोजन अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित कर जनपद में रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हर जनपद में रोजगार की उपलब्धता के सम्बन्ध में डाटाबेस तैयार किया जाए। सभी जनपदों का रोजगार प्लान बनाया जाए। इसके अलावा विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में एक वेबसाइट भी विकसित की जाए। इस वेबसाइट पर रोजगार के अवसरों की उपलब्धता की जानकारी के साथ-साथ आवेदन का विकल्प भी होने चाहिए।
प्रदेश में पांच दिसंबर से चल रहा मिशन रोजगार अभियान अब वृहद रूप ले रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान के तहत 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में रोजगार के लिए यह काफी बड़ा अभियान माना जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रदेश में स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अप्रेन्टिसशिप के जरिए युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसमें इनको भूमि आवंटन के साथ लाइसेंस और एप्रूवल की प्रक्रिया से भी जोड़ा जाएगा। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर से लेकर जिला स्तर तक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण दिला रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन 50 हजार युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम निशुल्क कराया रहा है।
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