800 वर्षों बाद आज सबसे करीब होंगे बृहस्पति और शनि, देश के ज्यादातर हिस्सों में सूर्यास्त के बाद दिखेगा दुर्लभ नजारा
नई दिल्ली। सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अंतिम महीने की 21 तारीख को जब इस साल की सबसे लंबी रात होगी तो दुनियाभर के खगोल-विज्ञानियों की नजरें आकाश पर टिकी रहेंगी। दरअसल, सोमवार की रात को एक विशिष्ट खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें सौरमंडल के सबसे बड़े दो ग्रहों बृहस्पति और शनि को देखने पर लगेगा कि वे बहुत करीब हैं। बृहस्पति और शनि के दुर्लभ मिलन की घटना लगभग 800 साल बाद होने जा रही है।
घटना को ग्रेट कंजक्शन दिया गया नाम
हालांकि, खगोल विज्ञानियों का कहना है कि अंतरिक्ष में बृहस्पति और शनि वास्तव में एक-दूसरे से करोड़ों किलोमीटर दूर होंगे लेकिन धरती से देखने पर अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण वे एक-दूसरे के अत्यंत समीप दिखाई देंगे। दोनों ग्रहों के मिलन के इस घटनाक्रम को महा-संयोजन (ग्रेट कंजक्शन) कहा जा रहा है।
करीब आते जाएंगे शनि और बृहस्पति
एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी के अनुसार, ‘दो खगोलीय पिंड पृथ्वी से एक दूसरे के बहुत करीब होते हैं, तो इस घटनाक्रम को कंजक्शन कहते हैं जबकि, शनि और बृहस्पति के इस तरह के मिलन को ‘डबल प्लेनेट’ या ग्रेट कंजक्शन कहते हैं।’ उन्होंने बताया है कि 21 दिसंबर को दोनों ग्रहों के बीच की दूरी करीब 73.5 करोड़ किलोमीटर होगी। हर दिन ये दोनों एक-दूसरे के करीब आते जाएंगे। गíमयों के बाद से ही बृहस्पति और शनि लगातार एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं।
क्षितिज के नीचे होगा ग्रहों का मिलन
भारत में अधिकतर शहरों में सूर्यास्त के पश्चात इस घटनाक्रम को देखा जा सकता है। खगोल-विज्ञानियों का कहना है कि 21 दिसंबर के आसपास पश्चिम की ओर क्षितिज के बिल्कुल नीचे दो ग्रहों को एक दूसरे से मिलते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान सौरमंडल का पांचवां ग्रह बृहस्पति और छठवां ग्रह शनि 0.1 डिग्री की नजदीकी में दिखाई देंगे। नासा के अनुसार, अगले दो हफ्तों में, जैसे-जैसे उनकी कक्षाएं अधिक निकटता से संरेखित होंगी, दोनों ग्रह करीब खिचेंगे, जब तक कि वे एक डिग्री के दसवें हिस्से के बराबर करीब नहीं आ जाते।
सबसे निकटतम स्थिति
अमेरिका की हॉर्वर्ड कॉलेज ऑब्जर्वेटरी और स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी द्वारा संयुक्त रूप से संचालित एक अनुसंधान संस्थान – सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स, हार्वर्ड ऐंड स्मिथसोनियन के एक प्रवक्ता एमी सी. ओलिवर के मुताबिक, ‘वर्ष 1623 के करीब 400 वर्षों के बाद यह हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रहों शनि और बृहस्पति का निकटतम संरेखण होगा।’ उन्होंने कहा है कि वर्ष 1226 के बाद दोनों ग्रहों का यह सबसे निकटतम आमना-सामना होगा, जिसे देखा जा सकेगा
खुली आंखों से भी देखा जा सकेगा
ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के खगोलविद माइकल ब्राउन ने कहा है कि इस खगोलीय घटना को खुली आंखों से भी देखा जा सकता है। हालांकि खगोलविदों का कहना यह भी है कि टेलीस्कोप के जरिए इस घटनाक्रम का बेहतरीन नजारा देखने को मिल सकता है। बृहस्पिति और शनि निरंतर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। बृहस्पति की एक परिक्रमा करीब 11.86 वर्षों में पूरी होती है जबकि शनि को सूर्य का चक्कर लगाने में लगभग 29.5 वर्ष लग जाते हैं
साल 2028 में दोबारा घटित होगी ऐसी घटना
ओलिवर ने इन ग्रहों के मिलन को एक लाइफटाइम खगोलीय घटनाक्रम बताते हुए कहा है कि अगली बार वर्ष 2080 के आसपास जब यह घटना दोबारा होगी तो मौजूदा दौर के अधिकतर व्यस्क उसे देखने लिए जीवित नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि इसके बाद ये दोनों ग्रह 15 मार्च, 2080 को दोबारा इतने करीब होंगे।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.