जांच के दायरे में जीआरएमसी के डाक्टर से लेकर जिला अस्पताल के लैब टेक्नीशियन आ सकते
ग्वालियर । प्लाज्माकांड की जांच के दायरे में जीआरएमसी के डाक्टर से लेकर जिला अस्पताल का स्टाफ भी आ सकता है। क्योंकि इनका कनेक्शन राधास्वामी ब्लड बैंक से जुड़ा हुआ है। राधास्वामी लैब पर अवैध स्र्प से ब्लड के बैग में प्लाज्मा रखा मिला। प्लाज्मा अवैध स्र्प से आखिर क्यों रखा गया था। इसकी जांच अभी बीच में अटकी हुई है। जैसे ही जांच आगे बढ़ेगी वैसे ही डाक्टर व लैब टेक्नीशियन की भूमिका भी सामने आने लगेगी।
गौरतलब है कि अपोलो अस्पताल में दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता की मिलावटी प्लाज्मा चढ़ने के कारण दस दिसंबर को मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच की तो मिलावटी प्लाज्मा बेचने वाला अजय त्यागी पकड़ा गया। जिसने यह स्वीकार किया था कि ब्लड बैंक से वह ब्लड लाता था और घर पर प्लाज्मा तैयार करता था। इस मामले में श्री राधास्वामी लैब का टेक्नीशियन देवेन्द्र गुप्ता भी पकड़ा गया जो अजय को ब्लड की सप्लाई चोरी छिपे करता था। इसके साथ ही शहर के ब्लड सेंटरों की जांच की गई तो राधास्वामी ब्लड बैंक पर आठ बैग प्लाज्मा के रखे मिले।
जिसकी टिप स्वास्थ्य विभाग को पहले ही मिल चुकी थी इसलिए पुलिस के साथ छापेमार कार्रवाई की गई। राधास्वामी लैब को सील करने की कार्रवाई ड्रग विभाग ने की और प्लाज्मा को जब्त कर लिया गया। मगर अभी तक संचालक सामने नहीं आया है कि आखिर लैब को संचालित कौन कर रहा था। मगर यह बताया जा रहा है कि राधास्वामी ब्लड बैंक से जीआरएमसी के डाक्टर व जिला चिकित्सालय के लैब टेक्नीशियन के तार जुड़े हुए हैं।
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