किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराया, कहा- आग से न खेलें
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद आयोजित पीसी में योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। किसानों से सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह आग से न खेले। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो प्रस्ताव सरकार से आया है उसमें कुछ भी साफ नहीं है और स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजें और खुले मन से बातचीत के लिए बुलाए। केंद्र को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए। सरकार को अपना हठी रवैया छोड़ देना चाहिए और किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए।
गौरतलब है कि ऑल-इंडिया किसान संघर्ष को-ओर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अलग-अलग धड़ों ने “दिल्ली चलो“ मार्च का आह्वान किया था। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनको आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उन्हें बड़े उद्योगपतियों के “रहम“ पर छोड़ दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के कई संगठनों को दूसरे चरण की बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर को दिल्ली में आमंत्रित किया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.