गगनयान मिशन में ग्रीन प्रोपल्सन का इस्तेमाल करेगा ISRO, जानिए क्या है इसकी खासियत
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महात्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए ग्रीन प्रोपल्सन तैयार कर रहा है। गगनयान मिशन में भारत मानव को अंतरिक्ष में भेजेगा। ग्रीन प्रोपल्सन के जरिये भारत प्रदूषण मुक्त लांचिंग के प्रयास करेगा। मिशन में रॉकेट के सभी चरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह जानकारी इसरो के चेयरमैन के सिवन ने दी है। वह एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 16 वें दीक्षा समारोह में बोल रहे थे।
सिवन ने कहा, छात्रों को सलाह दी कि वे अपने जीवन में आकलनबद्ध जोखिम लें, इससे वे पूरी तरह से विफलता से बच सकेंगे। भारत में आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ रही है, बढ़ रही गतिविधियों में जरूरी है कि हम प्रदूषण मुक्त ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि इसरो ने प्रदूषण मुक्त लीथियम-आयन बैट्री बनाई है। यह बैट्री इलेक्टि्रक वाहनों में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है। पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिगत ही इसरो अपने गगनयान मिशन में ग्रीन प्रोपल्सन की तैयारी कर रहा है। इसमें प्रदूषण मुक्त रॉकेट प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। भविष्य की सेटेलाइट लांचिंग में ग्रीन प्रोपल्सन के इस्तेमाल की योजना है।
इसरो के अनुसार पोलर सेटेलाइट लांच वेहिकिल सेटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने का वैज्ञानिकों का विश्वसनीय जरिया है। इसमें चार स्तरों वाला ईंधन से भरा रॉकेट होता है। इसी से धक्का देकर सेटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंचाया जाता है और उसमें घूमने के लिए दाखिल किया जाता है। दूसरा जियो स्टेशनरी लांच वेहिकिल होता है, इसमें तीन स्तरीय रॉकेट होता है।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.