अयोध्या के सौंदर्य में सितारे जड़ेगा कोरियाई स्मारक, सरयू तट पर बनेगा राजा सूरो का स्मारक
अयोध्या। रामजन्मभूमि के समानांतर सरयू तट पर कोरियाई स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना प्रतिष्ठित किया जा रहा है। यह निर्माण कोरियाई राजा सूरो व अयोध्या की राजकुमारी हो के स्मारक में देखने को मिलेगा, जिसके लिए कोरिया से विशेष सामग्री तथा कोरियाई आर्किटेक्ट रामनगरी पहुंच गए हैं। इस पार्क में बुद्ध भगवान की प्रतिमा को नतमस्तक करती हुई रानी हो व राजा की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी। रानी हो तथा राजा सूरो का पैवेलियन बनेगा। पवेलियन पूरी तरह कोरियाई शैली में ही निर्मित होगा। वहीं रानी हो का पवेलियन भारतीय शैली में। यह स्मारक रानी हो के पूर्व में निर्मित पार्क के ठीक सामने है। इसके पश्चिम व पूर्व में आकर्षक पर्यावरण संरक्षण की डिजाइन होगी।
पश्चिम दिशा में दीवारनुमा ढ़ाचे पर पेड़ पौध लगेंगे। बगल में ही दो हजार क्षमता का ओपेन थियेटर बनेगा। इसी के जरिए दो हजार वर्ष पुरानी अयोध्या व कोरिया की साझी विरासत का दर्शन हो सकेगा। कोरियाई राजा सूरो से अयोध्या की रानी हो का विवाह हुआ था। इस वजह से कोरियाई लोग अयोध्या से अगाध प्रेम करते हैं। प्रतिवर्ष कोरियाई दल अयोध्या आकर पूर्व निर्मित रानी हो के स्मारक में श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। वहां का प्रतिनिधि मंडल अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र से सहित राजपरिवार के सदस्यों से आत्मीय भेंट करना नहीं भूलता। कोरियाई कल्चर सेंटर के सदस्य ओम प्रकाश ङ्क्षसह ने कोरयाई आर्किटेक्ट्स से भेंट की और हो रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्मारक को रामनगरी के विकास का प्रतीक करार दिया।
कोरिया से पहुंची निर्माण सामग्री
राजा सूरो के स्मारक के लिए कोरिया से वर्षों पुरानी लकड़ी, पैड, पिलर व छतरी में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी अयोध्या पहुंच गई है। यह लगभग एक हजार पीस है। इसे आपस में समायोजित कर पार्क का मुख्य भाग बनाया जाएगा। यह कार्य 15 दिन में होना है, तब तक यह दल अयोध्या में ही ठहरेगा। एक कोरियाई आर्किटेक्ट ने बताया कि राजा सूरो का बनने वाला पैवेलियन पूरी तरह कोरियाई शैली में निर्मित होगा।
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