राहुल की गैरमौजूदगी में कांग्रेस के संकट मोचन के रूप में उभर रहीं प्रियंका वाड्रा, कर रही परीवार की नुमाइंदगी

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के 136वें स्थापना दिवस समारोह से ठीक एक दिन पहले राहुल गांधी निजी यात्रा पर विदेश चले गए हैं। जबकि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कोरोना महामारी के कारण इस समारोह में शामिल नहीं हो सकीं। जिसके बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने परीवार की नुमाइंदगी की। राहुल की गैरमौजूदगी में प्रियंका लगातार आगे बढ़कर पार्टी से जुड़े मामलों की कमान संभाल रही हैं।

सोनिया और राहुल गांधी के नदार रहने पर उन्होंने न केवल स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया, बल्कि उन्होंने किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर मीडिया से भी बात की। कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘किसानों के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका इस्तेमाल करना पाप है। सरकार किसानों के लिए जवाबदेह है। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए।’

कार्यक्रम के दौरान प्रियंका ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत भी की। इसके बाद वह सेवा दल की महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत करने लगी और उनके साथ सेल्फी ली। कार्यक्रम के बाद वापस जाते समय महाराष्ट्र के एक प्रमुख नेता के साथ उन्होंने कुछ चर्चा की। उनकी बाक सुनने के बाद प्रियंका ने विस्तृत चर्चा के लिए उनसे मिलने के लिए कहा। राहुल गांधी और सोनिया गांधी की अनुपस्थिति से निराश पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच प्रियंका चर्चा का विषय बन गई हैं।

विशेष रूप से प्रियंका गांधी पार्टी में संकट के समय आशा की एक किरण बन रही हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में जब सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तकरार अपने चरम पर पहुंच गया था, तब संकट को खत्म करने में भी प्रियंका की अहम भूमिका रही। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर सचिन पायलट से संपर्क किया। भले ही सोनिया गांधी ने केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन को एआईसीसी से संकट प्रबंधक के रूप में जयपुर भेजा था, लेकिन प्रियंका गांधी ने असंतुष्ट नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच जमी बर्फ को तोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे असंतुष्ट नेताओं से मिलने का आग्रह किया। प्रियंका गांधी ने कदम बढ़ाया और अंतरिम अध्यक्ष को नेताओं से मिलने के लिए राजी किया। उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया। सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी ने 19 दिसंबर को सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी की आंतरिक बैठक में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई।

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