क्या फेल हो गया कृषि कानून?, MP में किसानों से ठगी का हफ्ते में दूसरा मामला
नसरुल्लागंज: भले ही बीजेपी नए कृषि कानूनों के मंडी एक्ट को किसानों के लिए फायदे का सौदा बता रही है, परंतु जमीनी हकीकत में मंडी एक्ट के दुष्परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। देवास के बाद अब सीएम शिवराज के विधानसभा क्षेत्र में कृषि कानूनों पर सवाल खड़ा करता मामला सामने आया है। जहां व्यापारी ने किसानों से मंडी से डेढ़ गुनी दाम में फसल खरीदी और फिर फरार हो गया।
जानकारी के मुताबिक, खातेगांव की एक फार्म खोजा ट्रेडर्स के मालिक खोजा बंधु सुरेश एवं पवन खोजा ने नसरुल्लागंज तहसील के 15 किसानों से मूंग, सोयाबीन एवं चने की खरीदी की गई, समस्त किसानों की राशि लगभग 73 लाख रुपए है। उक्त खोजा फर्म ने किसानों से खरीदी कर, किसानों को अलग-अलग दिनांको के चेक थमा दिए, जब उक्त दिनांक को किसान चेक लेकर बैंक पहुंचा तो खाते में राशि नहीं होने से उनके चेक बाउंस हो गए।
जब किसानों ने खोजा ट्रेडर्स के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उपज मंडी खरीदी लाइसेंस काफी दिन पहले ही निरस्त हो गया था। उसके बाद भी खोजा बंधुओ के द्वारा खरीदी की और किसानों से ठगी कर रफू चक्कर हो गए। वही किसानों ने ज्ञापन देकर एसडीएम दिनेश तोमर नसरुल्लागंज से गुहार लगाई कि खोजा बंधुओं पर कार्रवाई कर उक्त किसानों की राशि शीघ्र दिलवाई जाए।
आपको बता दें कि इससे पहले देवास जिले के खातेगांव तहसील में भी किसानों से करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया था, जिस पर खातेगांव थाने में उक्त कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। मामला जो भी हो लेकिन एक तरफ सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपाई नेता नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभदायक बता रहे हैं और मोदी सरकार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर इन कानूनों के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं।
बेचारे किसान अपनी ही फसल के दाम लेने के लिए व्यापारियों के आगे पीछे चक्कर लगा रहे हैं। बहरहाल मामला सीएम शिवराज की विधानसभा क्षेत्र का है अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रदेश के मुखिया जो अपने आप को किसान हितैषी बताते हैं। उनके विधानसभा के किसानों को लाखों की चपत लगाकर भाग जाने वाली फर्म के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हैं।
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