करप्शन पर CM योगी का वार, UP सूचना विभाग के 4 साहब फिर से बने चपरासी व चौकीदार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमों के विपरीत दिए गए प्रमोशन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत बताया है। वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में प्रमोशन पाकर अपर जिला सूचना अधिकारी बने चारों कर्मचारियों को कोर्ट ने अपने मूल पद पर लौटने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विभिन्न मुद्दों पर ऐसे-ऐसे कड़े फैसले लेते हैं, जो मिसाल बनते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए प्रदेश के सूचना विभाग में तैनात 4 अपर सूचना अधिकारियों को डिमोट कर के उन्हें चपरासी, चौकीदार और सिनेमा ऑपरेटर और प्रचार सहायक का पद दे दिया गया है।
फिर से मिला चपरासी व चौकीदार का पद
बता दें कि इनमें से तीन कर्मचारियों को चपरासी तो एक को चौकीदार के पद पर तैनाती लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। दरअसल नियम विरुद्ध इन पदोन्नति को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने फिर से चारों अधिकारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अपने मूल पद पर लौटने के आदेश जारी कर दिए हैं। पदावनत किए गए कर्मचारी मथुरा, बरेली, फिरोजाबाद और भदोही में तैनात हैं।
सपा सरकार में हुई थी प्रमोशन
सपा सरकार में हुई प्रमोशन को लेकर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने इन पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में वाद दायर कर दिया था। इसे संज्ञान में लेकर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक और मथुरा डीएम सहित 6 लोगों को नोटिस जारी कर हाल ही में जवाब तलब किया था।
जिला सूचना कार्यालय में तैनात जिन चार अपर जिला सूचना अधिकारियों को वर्ष 2014 में पदोन्नति मिली थी। उनमें बरेली के नरसिंह को चपरासी, फिरोजाबाद के दयाशंकर को चौकीदार, मथुरा के विनोद कुमार शर्मा को सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक और भदोही के अनिल कुमार सिंह को सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक बना दिया गया है।
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