यूपी के स्कूलों में आधार वेरिफिकेशन में खुली छात्र नामांकन की पोल, लखनऊ मंडल के 29.5 फीसद मामले संदिग्ध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में बच्चों के आधार सत्यापन में छात्रों के फर्जी नामांकन की परतें उधड़ रही हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ मंडल के जिलों में कराये जा रहे आधार सत्यापन में मंडल के छह जिलों में नामांकित कुल छात्रों में से लगभग 51 फीसद बच्चों के आधार की ब्लॉक स्तर पर डाटा एंट्री हो सकी है। इन 51 फीसद बच्चों में से 24.5 प्रतिशत छात्र आधारविहीन पाये गए हैं। वहीं पांच प्रतिशत बच्चों के आधार त्रुटिपूर्ण पाये गए हैं।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या को फर्जी तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाने के बारे में प्राय: बेसिक शिक्षा विभाग के ही उच्चाधिकारी संदेह जताते रहे हैं। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य किया था। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विभाग ने लखनऊ मंडल में बच्चों का आधार सत्यापन शुरू कराया था।
बेसिक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर डाटा कैप्चर फार्मेट के मुताबिक लखनऊ मंडल के छह जिलों के परिषदीय स्कूलों में 22,95,337 बच्चों के नाम दर्ज हैं। इनमें से 51 प्रतिशत यानी 11,70,960 बच्चों के ही आधार की ब्लॉक स्तर पर डाटा एंट्री हुई है। इनमें से 8,23,538 बच्चों का आधार सत्यापन किया जा चुका है। वहीं 2,87,279 बच्चे आधारविहीन पाये गए हैं जबकि 60,143 बच्चों के आधार त्रुटिपूर्ण हैं।
लखनऊ में 2,02,421 बच्चे नामांकित हैं। इनमें से मात्र 77,315 बच्चों के आधार की डाटा एंट्री ब्लॉक सतर पर हुई है। इनमें से 48,627 बच्चों का ही आधार सत्यापन हुआ है, जबकि 24,600 बच्चे आधारविहीन पाये गए हैं। वहीं 4,088 बच्चों के आधार में गड़बड़ी पायी गई है। यह सिथति तब है जब लखनऊ में आधार सत्यापन का काम 28 फीसद ही हो पाया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने लखनऊ मंडल के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को शिविर लगाकर एक हफ्ते में बच्चों का आधार नामांकन और अपडेशन पूरा कराने का निर्देश दिया है। सभी बीएसए को चेताया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि खंड शिक्षा अधिकारियों/श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड द्वारा विभाग को उपलब्ध करायी गई संख्या के अनुसार यदि शत-प्रतिशत नामांकन का सत्यापन पूरा नहीं किया जाता है तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों/ प्रधानाध्यापकों/शिक्षकों के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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