गहलोत-पायलट की जंग में रेफरी की भूमिका में उतरा कांग्रेस हाईकमान
नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खुली लड़ाई के चलते प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर मंडराते खतरों को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने अब संकट समाधान की कमान अपने हाथ में ले ली है।
पायलट की नाराजगी से सरकार पर मंडराते खतरे को टालने के लिए भेजे तीन पर्यवेक्षक
पायलट की नाराजगी से गंभीर होते सियासत हालात को देखते हुए हाईकमान तीन वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय को बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेज दिया है। वहीं विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में नोटिस भेजे जाने से नाराज सचिन पायलट ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत बंद कर दिया है। अंदरूनी उठापटक से कांग्रेस में बने इस हालात के बीच सचिन पायलट से भाजपा नेताओं के संपर्को की चर्चाओं ने पार्टी नेतृत्व की चिंता और बढ़ा दी है।
गहलोत ने बुलाई विधायक दल की बैठक को कांग्रेस नेतृत्व ने मुल्तवी करा दिया
वहीं पायलट की नाराजगी से खुद को बेपरवाह दिखाने की कोशिश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार रात विधायक दल की बैठक बुलाने की घोषणा कर वर्चस्व की इस जंग में अपनी ताकत दिखाने का दांव चला। हालांकि मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय के अति आत्मविश्वास से लगे झटके को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व गहलोत के आत्मविश्वास को थामते हुए बैठक को सोमवार सुबह 10.30 बजे तक मुल्तवी करा दिया। ताकि केंद्रीय पार्टी के तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक भी इस संकट पर विधायकों की रायशुमारी में शामिल हो सकें। पार्टी सूत्रों ने बताया कि संकट समाधान का रास्ता निकालने के लिए हाईकमान इस प्रयास में जुटा है कि सचिन पायलट को भी विधायक दल की इस बैठक में शामिल कराया जा सके। विधायक दल की बैठक में पायलट के शामिल होने का मतलब होगा कि राजस्थान कांग्रेस का मौजूदा संकट का तात्कालिक समाधान निकल जाएगा।
पायलट ने कहा- मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा
पर्यवेक्षकों को भेजने की जरूरत और गंभीरता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तब हुई जब सचिन पायलट 19 विधायकों संग दिल्ली पहुंच गए और फिर पार्टी नेताओं से संवाद बंद कर दिया। हालांकि इससे एक दिन पहले खुद सचिन ने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के जरिये कांग्रेस नेतृत्व तक सूबे की सियासत से उनके पांव उखाड़ने के लिए गहलोत के प्रयासों की जानकारी दे दी थी। पायलट का कहना था कि अधिकारियों के जरिये गहलोत ने ऐसा तंत्र बना दिया है कि उन्हें कोई काम नहीं करने दिया जा रहा। राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों के मामले में भी गहलोत उन्हें निशाना बना रहे हैं। एसओजी का पूछताछ का नोटिस भिजवाना उनकी इसी घेरेबंदी का हिस्सा है। हालांकि पायलट की बीते दो दिनों में सोनिया या राहुल गांधी से सीधी कोई बात नहीं हुई है।
गहलोत से आर पार को तैयार सचिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान छोड़ने को तैयार नहीं
गहलोत-पायलट की इस जंग में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी बड़ा मुद्दा है। पायलट करीब छह साल से अध्यक्ष हैं और गहलोत किसी दूसरे चेहरे को यह पद देने की वकालत कर रहे हैं। जबकि सूत्रों का कहना है कि पायलट का साफ कहना है कि सरकार की बागडोर गहलोत के हाथ में है तो संगठन की कमान वे नहीं छोड़ेंगे और इसके लिए चाहे डिप्टी सीएम पद ही क्यों न छोड़ना पड़े।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर कोई खतरा नहीं- कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय
सूत्रों के अनुसार गहलोत पर दबाव बनाने में देरी की आशंका को देखते हुए नाराज पायलट ने रविवार को कांग्रेस के नेताओं से कोई बातचीत ही नहीं की और उनका फोन तक रिसीव नहीं किया। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सचिन पायलट से उनकी दो दिन से बातचीत नहीं हो पायी है। विधायक दल की बैठक को लेकर उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पायी और उनके लिए संदेश छोड़ा गया है। हालांकि पांडेय ने एसओजी की नोटिस के मुद्दे पर कहा कि जांच में सहयोग के लिए डिप्टी सीएम ही नहीं सीएम और दूसरे लोगों को नोटिस आया है इसमें चिंता करने जैसी कोई बात नहीं। पांडेय ने भाजपा पर विधायकों को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर स्थिर है और उस पर कोई खतरा नहीं है।
सोमवार सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पायलट होंगे शरीक
हालांकि देर शाम पार्टी के उच्च सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के करीबी केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन जैसे पार्टी नेता सचिन पायलट से सीधे संपर्क में हैं। इनकी पहल पर ही पायलट देर रात दिल्ली से देर रात जयपुर रवाना हो रहे हैं ताकि सोमवार सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शरीक हो सकें। बताया जा रहा है कि हाईकमान भी एसओजी के नोटिस प्रकरण को लेकर गहलोत के कदमों से सहमत नहीं है। इसीलिए हाईकमान ने पायलट को भरोसा देने का संदेश देने के लिए राहुल के करीबी नेताओं को बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजने का फैसला किया।
पायलट वर्चस्व की इस जंग में आर-पार की लड़ाई की तैयारी में
अविनाश पांडेय चाहे सरकार पर खतरा नहीं होने का दावा करें मगर 16 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों के पायलट के समर्थन में मानेसर के एक होटल में आने की घटना से साफ है कि सचिन पायलट वर्चस्व की इस जंग में आर-पार की लड़ाई की तैयारी में हैं। सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट का सचिन की तस्वीर के साथ किया गया ट्वीट उनकी नाराजगी के गहरे तेवरों का साफ संदेश दे रहा है। सारा ने सचिन की तस्वीर के साथ लिखा है ‘बड़े-बड़े जादूगरों के पसीने छूट जाते हैं जब हम दिल्ली का रुख करते हैं।’
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.