मायावती ने उठाई राष्ट्रपति शासन की मांग, फोन टैपिंग पर गहलोत सरकार को घेरा
नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) सुप्रीमों मायावती ने विधायकों के फोन टैपिंग को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन और बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
मायावती ने आगे कहा कि इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठापटक व सरकार की अस्थिरता के हालात का राज्य के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।
बता दें कि भाजपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फोन टैपिंग के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच की मांग की है और इसे लेकर कांग्रेस से कई सवाल किए हैं। कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी द्वारा राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश पर ऑडियो क्लिप से संबंधित दो प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में बागी विधायकों और भाजपा के बीच कथित तौर पर हॉर्स ट्रेडिंग के एक ट्रांसक्रिप्ट को पढ़कर सुनाई थी। इसके बाद ये शिकायतें दर्ज कराई गई।
गहलोत सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े दो ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत और बागी कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की। शेखावत ने इस आरोप का खंडन किया है कि उनकी आवाज इन क्लिप में नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। इसी मामले में भाजपा ने नेताओं की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला सहित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
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