विधायकों के कांग्रेस में विलय का मामला, बसपा पहुंची हाई कोर्ट
जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने राजस्थान हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की। इस याचिका में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में बसपा के छह विधायकों के विलय को चुनौती दी गई है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने इसकी जानकारी दी है। विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले को लेकर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जज महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ इस मामले में आज सुनवाई करेगी।
बताया जा रहा है कि बसपा द्वारा मंगलवार देर शाम ऑनलाइन याचिका दायर की गई है। याचिका में पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को गलत बताया गया है। कहा गया है कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, इसका विलय प्रदेश स्तर पर नहीं हो सकता। विलय का निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर ही हो सकता है। ऐसे में स्पीकर ने विलय को गलत मंजूरी दी है। गौरतलब है कि सितंबर, 2019 में बसपा के छह विधायक लाखन सिह, जोगेंद्र अवाना, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, राजेंद्र गुढ़ा और संदीप कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
फोन टेप कांड: भंवरलाल शर्मा पहुंचे हाई कोर्ट
इसी बीच सचिन पायलट गुट के विधायक भंवरलाल शर्मा ने फोन टेप कांड में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की तरफ से दर्ज एफआइआर रद करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। एसओजी ने 17 जुलाई को शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC)के तहत राजद्रोह (124 ए) और आपराधिक साजिश (120 बी) के तहत एफआइआर दर्ज की थी। कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।
भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंगलवार को फिर नई याचिका दायर की
मालूम हो कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंगलवार को फिर नई याचिका दायर की। दिलावर ने इससे पहले भी एक याचिका दायर की थी, जिसे सोमवार को ही हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। मंगलवार को पेश की गई नई याचिका में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी द्वारा उनकी याचिका खारिज करने व बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की गई है। पिछले साल नवंबर में बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ इस साल मार्च में दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका पेश की थी। उन्होंने इस याचिका को 24 जुलाई को खारिज कर दिया था।
स्पीकर ने बिना दिलावर को सुने याचिका को खारिज कर दिया था
सोमवार को जस्टिस महेंद्र गोयल ने मदन दिलावर की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि स्पीकर इस मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित कर इसे खारिज कर चुके हैं। लिहाजा इस याचिका के कोई मायने नहीं है। उन्होंने कहा था कि दिलावर चाहें तो नई याचिका दायर कर सकते हैं। विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ 16 मार्च को स्पीकर के समक्ष याचिका दायर कर इन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया गया था। स्पीकर ने बिना दिलावर को सुने याचिका को खारिज कर दिया था।
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