कोरोना पॉजिटिव मंत्री का बंगला सील नहीं करने की शिकायत की तो युवक गिरफ्तार
इंदौर। कोरोना महामारी से बचाव के प्रोटोकॉल आम व्यक्ति और ‘माननीय’ सभी के लिए समान हैं, लेकिन सरकारी अधिकारी इनके अमल में भी भेदभाव कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, उनकी पत्नी और एक बेटा संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में उनके दोनों बंगले सील होना तो दूर, बंगला परिसर में कंटेनमेंट क्षेत्र का सूचना बोर्ड भी नहीं है, जबकि एक कॉलोनी में मंत्री के बंगले से डेढ़ सौ मीटर दूरी पर संक्रमितों के दो मकानों के बाहर बेरिकेडिंग की गई है। जब एक युवक ने उसकी शिकायत की, तो अफसरों ने उल्टा उसी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।
मंत्री सिलावट को जल्द उपचुनाव का सामना करना है। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से पहले वे इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में सभाएं लेते रहे। इसके अलावा चुनाव संबंधी गतिविधियां उनके जानकी नगर और रेसीडेंसी कोठी स्थित सरकारी आवास पर भी संचालित होती रहीं, लेकिन आश्चर्य है कि बंगले के बाहर कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई। मंत्री का जानकीनगर का निजी बंगला सील नहीं होने को लेकर एक युवक ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सवाल पूछे थे, तो अफसरों ने उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया था।
देख लेने की धमकी दी थी
गौरतलब है कि अधिकारियों को धमकाने के आरोपित बलजीत सिंह निवासी कोहिनूर नगर इंदौर ने अधिकारियों को बंगला सील न करने पर देख लेने की धमकी दी थी। आरोपित ने खुद को युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब के एक पूर्व मुख्यमंत्री का नाती बताया था। आरोपित ने सीएमएचओ से कहा था- ‘सत्ता बदलेगी, हम भी चेहरे याद रखते हैं मैडम। मामले में अधिकारियों की शिकायत पर सेंट्रल कोतवाली थाने पुलिस ने केस दर्ज किया है। सोमवार को आरोपित को गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।
बंगले की मरम्मत जारी
मंत्री के इंदौर के अग्रवाल नगर के बंगले की मरम्मत चल रही है। मंगलवार को बंगले का मुख्य गेट खुला था और दरवाजे पर ताला भी नहीं लगा था। बंगले के बाहर बिल्डिंग मटेरियल बिखरा था। छोटे गेट की तरफ ‘तुलसी सिलावट, मंत्री, जलसंसाधन विभाग’ की प्लेट लगी हुई है। हालांकि, बंगले के भीतर किसी तरह की हलचल नहीं थी।
रेसीडेंसी के बंगले में खड़े थे लोडिंग रिक्शा
रेसीडेंसी कोठी क्षेत्र में भी मंत्री को आवंटित बंगले का गेट खुला हुआ था। परिसर में दो लोडिंग रिक्शा खड़े थे, जिसमें तस्वीरें रखी जा रही थी। परिसर में ही छह-सात युवक भी थे। इस बंगले के गेट को भी सील नहीं किया गया था।
ये हैं जिम्मेदारों के जवाब
मंत्री सिलावट के बेटे बंकिम सिलावट का कहना है कि रेसीडेंसी कोठी में दो बंगले पास-पास में आवंटित है। एक बंगले का उपयोग कार्यालय की तरह हो रहा है। मंत्रीजी दूसरे बंगले में संक्रमित होने से पहले रह रहे थे। वह सील है। अग्रवाल नगर के निजी बंगले में मरम्मत का काम चल रहा है।
बंगला सील न करने पर एसडीएम की सफाई
इंदौर के एसडीएम अक्षय मरकाम का कहना है, ‘मैंने फील्ड स्टाफ को बंगले में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन कराने के निर्देश दिए थे। मंत्री निवास का हिस्सा खुला हुआ है। पलासिया क्षेत्र में भी कई संक्रमितों के घर बेरिकेडिंग नहीं की गई। जहां घनी बसाहट हो और ज्यादा केस निकल रहे हैं, वहां बेरिकेडिंग पर हम फोकस कर रहे हैं।’
सब झाड़ रहे पल्ला
आरके जोशी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग इंदौर का कहना है कि जिस इलाके में संक्रमित मिलते हैं, वहां के संबंधित एसडीएम मकान सील करने व बेरिकेड लगाने की सूची देते हैं। उसके हिसाब से ही कार्रवाई की जाती है। वहीं, प्रभारी सीएमएचओ इंदौर पूर्णिमा गडरिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग का काम सैंपल लेना और मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी रखना है। बेरिकेड और सूचना बोर्ड लगाने का काम स्वास्थ्य विभाग नहीं करता है।