RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज 12 बजे करेंगे मौद्रिक नीति की घोषणा, सस्ते हो सकते हैं लोन और बढ़ सकती है मोरेटोरियम की अवधि
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज दोपहर 12 बजे केंद्रीय बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति के बारे में जानकारी देंगे। RBI ने अपने एक ट्वीट में इस बात की जानकारी दी है। उम्मीद की जा रही है कि आज की मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती कर सकता है। अगर रेपो रेट में चौथाई फीसद की कटौती होती है तो यह महंगाई के दबावों के बावजूद 3.50 फीसद के स्तर पर आ जाएगा। इसके अलावा, मोरेटोरियम की अवधि भी बढ़ाई जा सकती है।
आपको बता दें कि हाल की मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता पर ज्यादा फोकस किया है। साथ ही ग्रोथ को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है। फरवरी 2020 से अबतक RBI ने रेपो रेट में 1.15 फीसद की कटोती की है।
Watch out for Bi-monthly Monetary Policy address by RBI Governor @DasShaktikanta at 12:00 hrs on August 06, 2020 #rbitoday #rbigovernor
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रेपो रेट में कटौती के अलावा ये उम्मीद भी की जा रही है कि आप की मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक ग्रोथ को बढ़ाने के उपायों के तहत तरलता और नियामकीय उपायों की घोषणा भी कर सकता है।
अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभावों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने मार्च में तीन महीने के लिए लोन मोरेटोरियम (कर्ज की किस्तों के भुगतान के लिए मोहलत) की सुविधा दी कर्ज लेने वालों को दी थी। यह सुविधा शुरू में मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए दी गई थी। बाद में रिजर्व बैंक ने इसे 3 महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था। उम्मीद की जा रही है कि हालात को देखते हुए इसकी मोहलत आज बढ़ाई जा सकती है।
क्या होता है रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate)?
Repo Rate को कुछ इस तरह समझिए कि बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक इसी प्रकार बैंकों को भी अपने लोन देने के इस काम के लिए भारी-भरकम राशि की जरूरत होती है और इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से उधार लेते हैं। बैंकों द्वारा लिए जाने वाले इस लोन पर RBI जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
रेपो रेट का आम आदमी पर असर
जब बैंकों को RBI कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा, मतलब जब रेपो रेट कम होगा तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ता लोन दे सकते हैं। इसी प्रकार, यदि RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है और बैंक अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देते हैं।