रूस बिडेन को तो चीन ट्रंप को नहीं देखना चाहता राष्ट्रपति: अमेरिकी खुफिया एजेंसी
वाशिंगटन। अमेरिका के खुफिया अधिकारियों का मानना है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले रूस डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बिडेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं क्रेमलिन से जुड़े लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा चुनाव जीतते देखना चाहते हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि चीन ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति बनते देखना नहीं चाहता है। बीजिंग अमेरिका में लोक हितकारी नीति बनाने और चीन के हितों की विरोधी राजनीतिक हस्तियों पर दबाव बनाने के अपने प्रयास तेज कर रहा है।
देश के खुफिया कार्यक्रम की रक्षा करने वाले नेशनल काउंटरइंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) के प्रमुख विलियम इवानिना ने शुक्रवार को रूस के संबंध में यह बयान दिया। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के रूस के प्रयासों संबंधी अमेरिकी खुफिया एजेंसी की यह सबसे स्पष्ट घोषणा है। ट्रंप के लिए यह एक संवेदनशील विषय है और उन्होंने खुफिया एजेंसी के इस आकलन को खारिज किया है कि रूस ने 2016 के चुनाव में उनकी मदद की कोशिश की थी। पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान उपराष्ट्रपति रहे बिडेन की यूक्रेन समर्थित नीतियों के चलते रूस उनके विरुद्ध है।
खुफिया अधिकारी के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने शुक्रवार शाम कहा, ‘मुझे लगता है कि रूस राष्ट्रपति पद पर जिस आखिरी व्यक्ति को देखना चाहेगा, वह डोनाल्ड ट्रंप होगा, क्योंकि रूस के खिलाफ मुझसे ज्यादा किसी ने सख्ती नहीं बरती।’ हालांकि, वह इस बात से सहमत दिखे कि चीन उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बनते नहीं देखना चाहता।’ ट्रंप ने कहा कि अगर जो बिडेन राष्ट्रपति होते, तो चीन हमारे देश को चला रहा होता। इवानिना के बयान से लगभग तीन महीने पहले प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य सांसदों ने इस बात को लेकर आलोचना की थी कि खुफिया एजेंसियां अमेरिकी राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप के खतरे संबंधी जानकारियां लोगों से छिपा रही हैं।
इवानिना ने कहा, ‘हम मुख्य रूप से चीन, रूस और ईरान की ओर से जारी और संभावित गतिविधियों से चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद, अधिकारियों को इस बात की संभावना नहीं लगती कि चुनाव परिणाम पर कोई भी देश खास फर्क डाल सकता है।
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