गहलोत की तुलना में सचिन पायलट कमजोर खिलाड़ी साबित हुए: शिवसेना
मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को कहा कि राजस्थान में ऑपरेशन लोटस की विफलता राजनीतिक घमंड की हार है। शिवसेना की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सचिन पायलट की बैठक के बाद राजस्थान में राजनीतिक संकट के मैत्रिपूर्ण समाधन के संकेत मिले हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऑपरेशन लोटस का ही ऑपरेशन करके भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है। ऑपरेशन लोटस भाजपा द्वारा अन्य पार्टियों में कथित तौर पर दलबदल कराने की कोशिश है। शिवसेना ने चुटकी लेते हुए कहा, महाराष्ट्र में तड़के किया गया यह ऑपरेशन विफल हो चुका है। कम से कम अब तो भाजपा को इससे सबक लेनी चाहिए। कुछ फर्जी डॉक्टरों द्वारा महाराष्ट्र में ऑपरेशन करने की नई तारीख अब सितंबर में है।
मुखपत्र में प्रत्यक्ष तौर पर पिछले साल राजभवन में तड़के जल्दबाजी में आयोजित शपथग्रहण समारोह का हवाला दिया गया है। शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद की साझेदारी को लेकर एकमत नहीं बनने पर गठबंधन से शिवसेना बाहर हो गई थी। इस समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शिवसेना ने बाद में राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया। शिवसेना ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जहां उसकी सरकार नहीं है, वहां वह राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने में इस कदर व्यस्त है कि जैसे देश के सामने दूसरी कोई परेशानियां ही नहीं है। मुखपत्र में यह कहा गया, कोरोना वायरस महामारी के जाने का कोई संकेत नहीं है। बेरोजगारी बढ़ रही है और अर्थव्यवस्था रसातल में है। इन सभी को पटरी पर लाने के बजाय भाजपा दूसरे राज्यों की सरकारों को गिराने में व्यस्त है। क्या यह राजनीतिक मानसिक बीमारी का संकेत नहीं है?
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