रिश्वत मामले में कस्टम विभाग के अधिकारी को सीबीआइ ने किया गिरफ्तार, एक करोड़ हुए बरामद
नई दिल्ली। सीबीआइ ने सीमा शुल्क विभाग के एक अप्रैजर को सात लाख रुपये की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद चेन्नई और दिल्ली में कई स्थानों पर ली गई तलाशी के दौरान कुल एक करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। नई दिल्ली के तुगलकाबाद में इनलैंड कंटेनर डिपो में अप्रैजर रह चुके सौरभ शर्मा वर्तमान में चेन्नई में सीमा शुल्क के मुख्य आयुक्त के रूप में पदस्थ हैं। जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि उन्हें सीमा शुल्क हाउस एजेंट नीरज, बिचौलिया राम कृष्ण मिश्रा और एक अन्य व्यक्ति किशोर कुमार के साथ हिरासत में ले लिया गया।
अधिकारी के मुताबिक, सीबीआइ को जानकारी मिली थी कि चेन्नई स्थानांतरण होने के बाद शर्मा अपने पिछले कार्यकाल के दौरान की लंबित रिश्वत वसूलने में जुटे थे। विभिन्न पार्टियों ने बिचौलिए से अपने लंबित मामले को लेकर संपर्क किया था। ऐसे ही एक मामले में शर्मा ने राम कृष्ण से कहा था कि किशोर कुमार उनसे रिश्वत के सात लाख रुपये ले लेंगे। सूचना मिलने पर सीबीआइ ने मिश्रा, कुमार और नीरज को गिरफ्तार कर लिया और उससे सात लाख रुपये बरामद किए। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया गया है।
नकली नोटों की तस्करी के आरोप में दो गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने नकली नोट तस्करी में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपितों की पहचान मुहम्मद बैतुल्लाह और मुहम्मद मुख्तार के रूप में की गई है। दोनों को नकली भारतीय नोट छापने, बांटने और तस्करी करने की साजिश रचने वाले नेटवर्क से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि गुलाम मोर्तुजा जाली भारतीय नोट फैलाने वाले संगठित सिंडीकेट का हिस्सा है।
एनआइए ने कहा है कि यह सिंडीकेट देश में जाली भारतीय मुद्रा प्रचलन में लाने के लिए कुछ एजेंटों की मदद ले रहा है। इस सिलसिले में आरोपित मुहम्मद बैतुल्लाह और मुहम्मद मुख्तार दो मुख्य एजेंट हैं जो जाली नोट फैलाने का काम कर रहे हैं।एनआइए ने कहा है कि निगरानी बढ़ाई गई और लंबे समय के अभियान के बाद इन दोनों एजेंटों की पहचान की गई और उन्हें सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। उनके छिपने के ठिकाने की तलाशी ली गई और आपत्तिजनक सामग्री के साथ ही इलेक्ट्रानिक सुबूत जब्त किए गए।
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