तनाव दूर करने को फिर होगी भारत चीन के बीच बात, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की कल बैठक संभव
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच बातचीत हो सकती है। गौरतलब है कि अब तक विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत, भारतीय एनएसए और चीनी विदेश मंत्री के बीच बातचीत, पांच बार उच्च सैन्य स्तरीय वार्ता और तीन बार विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बातचीत हो चुकी है। बावजूद इसके पूर्वी लद्दाख सेक्टर में दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो गुरुवार को एकबार फिर दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों की एक बैठक हो सकती है।
वैसे इस बैठक से कोई खास उम्मीद नहीं है क्योंकि चीन की मंशा साफ दिख रही है कि वह समूचे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी पर आनाकानी कर रहा है। गौर करने वाली बात यह भी है कि दोनों देशों के बीच बातचीत भी हो रही है और साथ ही एलएसी पर सैन्य तैयारियां भी तेज हैं। बता दें कि भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के बीच सीमा मामलों पर समन्वय और समझौते करने के लिए गठित वर्किग मेकेनिज्म (डब्लूएमसीसी) की व्यवस्था है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी अतिक्रमण के बाद इस व्यवस्था के तहत ही विदेश मंत्रालयों के बीच विमर्श चल रहा है।
जहां तक चीन के रवैये का सवाल है तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक दिन पहले भी यही कहा है कि दोनों देशों के बीच सहमति बन रही है और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी है। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन को सैन्य वापसी को लेकर गंभीरता से काम करना चाहिए और जल्द से एलएसी पर मई 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल की जानी चाहिए। भारत इस बात को समझ चुका है कि चीन की मंशा इस मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा लटकाने की है। भारत यह मान कर चल रहा है कि मामला सर्दियों में भी खींच सकता है। पूर्वी लद्दाख का पूरा इलाका सर्दियों में बर्फ से भर जाता है। ऐसे में वहां सैन्य तैनाती की अपनी चुनौतियां हैं। इसके बावजूद भारतीय सैन्य बल सर्दियों को ध्यान में रखते हुए तैनात किए जा रहे हैं।
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