पुलवामा हमले में NIA की चार्जशीट से बेचैन हुआ पाक, भारत पर लगाया फंसाने का आरोप
नई दिल्ली। पाकिस्तान का दोहरा चरित्र एक बार फिर सामने आया है। पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) द्वारा चार्जशीट दायर करने के बाद उसकी बेचैनी बढ़ गई है। उसने चार्जशीट को ही गलत बताने की कोशिश की है। एनआइए ने पुलवामा हमले की गुत्थी को सुलझाते हुए मंगलवार को विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि एनआइए ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान को फंसाने की कोशिश की है। यही नहीं, खुद को पाकसाफ बताने की कोशिश में पाकिस्तान ने उल्टे एनआइए की चार्जशीट को भी भाजपा और देश की घरेलू राजनीति से जोड़ने का प्रयास किया है।
बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले साल भी पुलवामा हमले को लोकसभा चुनाव से जोड़ने की कोशिश की थी। लेकिन किसी भी देश ने उसकी बातों पर यकीन नहीं किया था। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
19 आरोपितों में जैश सरगना मसूद अजहर, रउफ असगर और उमर फारूक भी शामिल हैं। छह आरोपित मारे जा चुके हैं और सात पकड़े जा चुके हैं। मुख्य आरोपी पाकिस्तानी कमांडर मोहम्मद उमर फारूक था, जो मसूद अजहर का भतीजा था। उमर फारूक अपने एक अन्य साथी के साथ पुलवामा हमले के चंद दिनों बाद मारा गया था।
उधर, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले पर एनआइए द्वारा दायर आरोपपत्र सावधानीपूर्वक और व्यापक तरीके से तैयार किया गया है जो पाकिस्तान को घेरने वाला है। इसके लिए उन्होंने एनआइए को बधाई दी।सिंघवी ने ट्वीट कर कहा कि एनआइए के आरोप पत्र में कॉल्स, बैंक जमाओं और तस्वीरों समेत कई अन्य चीजों का विवरण है जो मजबूत केस बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने जांच एजेंसी का आह्वान किया कि वे आरोपितों को सजा दिलवाए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि खामियों के लिए हमें पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन अच्छे तरीके से किए गए काम की पूरी प्रशंसा भी होनी चाहिए। मालूम हो कि एनआइए ने पुलवामा केस में मंगलवार को ही 13,800 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें 19 लोगों को आरोपित बनाया गया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.