रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को लेकर हमारा कमिटमेंट केवल कागजों तक सीमित नहीं : पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे ‘आत्मनिर्भर भारत डिफेंस इंडस्ट्री आउटरीच वेबिनार’ को संबोधित किया। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि वे पूरी लगन से इस दिशा में जुटे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत में रक्षा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत में रक्षा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है। कई वर्षों तक भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक रहा है। जब भारत को आजादी मिली, तो रक्षा मैन्युफैक्चरिंग और रक्षा मैन्युफैक्चरिंग की पारिस्थितिकी तंत्र में 100 वर्षों से अधिक की क्षमता थी। दुर्भाग्य से इस विषय पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका। स्वत: मार्ग के माध्यम से रक्षा विनिर्माण में 74 फीसद तक एफडीआई की अनुमति देने का फैसला लिया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास इस सेक्टर से जुड़ी सभी बेड़ियां तोड़ने का है। हमारा प्रयास है कि भारत में नई टेक्नोलॉजी बने, यही पर उसका विकास हो और प्राइवेट सेक्टर का विस्तार हो। इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार, लेवल प्लेइंग फील्ड की तैयारी, ऑफसेट और इम्पोर्ट के प्रावधानों में सुधार जैसे कदम उठाए गए हैं। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को लेकर हमारा कमिटमेंट केवल कागजों तक सीमित नहीं है। इसके क्रियान्वयन के लिए एक के बाद एक, ठोस कदम उठाए गए हैं।
सीडीएस के गठन के बाद तीनों सेनाओं में डिफेंस प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था बेहतर हुई है। आने वाले समय में घरेलू इंडस्ट्री के लिए ऑर्डर का साइज भी बढ़ने वाला है। कुछ साल पहले तक, इस प्रकार के विषयों पर सोचा भी नहीं जाता था। रिफॉर्म्स का ये सिलसिला थमने वाला नहीं है। हम आगे बढ़ते ही जाने वाले हैं। इसलिए न थमना है और न थकना है। न मुझे थकना है, न आपको थकना है। विश्व में शांति के लिए एक सक्षम भारत का निर्माण ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम आत्मनिर्भर बनकर दुनिया के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं। इस दिशा में कुछ कड़े नीतिगत सुधार किए गए हैं जैसे 101 रक्षा सामानों के आयात पर बैन। हमने सालाना बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल घरेलू इंडस्ट्री से खरीद के लिए रखा है। इस साल यह 52,000 करोड़ रुपये होगा। हम सिर्फ मेक इन इंडिया नहीं, मेक फॉर वर्ल्ड का गोल हासिल करना चाहते हैं। यह बात उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित वेबिनार में कही। इस सेमिनार में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
आत्मनिर्भर भारत को समर्थन देने के लिए दृढ़ हैं भारतीय सेना: जनरल बिपिन रावत
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत ने कोरोना वायरस का जिस तरह से मुकाबला किया, उससे ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना को दूर करने की हमारी मजबूत क्षमता दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि भारत आज कई चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहा है।
रावत ने कहा कि हमारे पास उच्च-क्षमता वाले स्वदेशी हथियारों का उत्पादन करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है। सरकार की ओर से दिखाए गए सही रास्ते और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ, अब समय है कि हम आत्मनिर्भर बनें और रक्षा उपकरणों के शुद्ध निर्यातक बनें।’
उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाएं ‘आत्मानिभर भारत’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में विकसित तकनीकों और उपकरणों के साथ युद्ध में जीतने से ज्यादा संतुष्टि हमें कुछ नहीं देगी।
दूसरी नकारात्मक हथियारों की आयात सूची वर्ष के अंत तक आएगी
आत्मनिर्भर भारत के दिशा में पहल करते हुए नौ अगस्त को रक्षा मंत्रालय ने पहली नकारात्मक आयात सूची जारी की थी, जिसने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (हल्के लड़ाकू विमान) की श्रेणी में आर्टिलरी गन, पारंपरिक पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों सहित 101 सैन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। रक्षा मंत्रालय दूसरी नकारात्मक हथियारों की आयात सूची तैयार करने पर काम कर रहा है, जो इस वर्ष के अंत तक जारी होने की संभावना है और इसमें और अधिक उपकरण शामिल किए जाने की उम्मीद है।
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