तमिलनाडु में फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन का मामला, ईडी ने जब्त की 20 करोड़ की संपत्ति
नई दिल्ली। तमिलनाडु में हुए बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की है। ये संपत्तियां व्ववसायी एस गलील रहमान की हैं। ईडी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि जिन अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है, उनमें कोनमेडु इंडस्टि्रयल एस्टेट वानीयंबादी स्थित कारखाना, चेन्नई में आवासीय फ्लैट और वेल्लोर में 2.92 एकड़ जमीन शामिल है।
ईडी ने कहा कि सीबीआइ और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चेन्नई द्वारा आरोपित टॉमी जी पुवत्तिल, एस गलील रहमान और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआइआर के आधार पर जांच शुरू की गई थी। इन पर गुइंडी स्थित इंडियन बैंक शाखा से धोखाधड़ी करने का आरोप था।
जांच में पता चला कि 2012 से 2014 के दौरान इंडियन बैंक की गुइंडी शाखा के तत्कालीन एजीएम टॉमी जी पुवत्तिल ने आरोपित एस गलील रहमान, सिराजुद्दीन और अन्य के साथ साजिश रचकर ओवरड्राफ्ट को मंजूरी देकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की और विभिन्न संस्थाओं को ऋण सुविधाएं दिलवाई
रिपोर्ट में कहा गया है कि रहमान अपनी फर्मो नफीसा ओवरसीज और सफा लीव्स के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण लेने में कामयाब रहा। बाद में ऋण न चुकाने के कारण इसके ऊपर सिर्फ ब्याज के ही 23.46 करोड़ रुपये हो गए। इसी क्रम में फर्जीवाड़े की जांच के बाद ईडी ने कार्रवाई की है।
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