लोकगीत गायक देशराज पटेरिया का दिल का दौरा पड़ने से निधन, CM शिवराज ने जताया शोक
छतरपुर: बुंदेलखंड के प्रसिद्ध लोकगीत गायक देशराज पटेरिया का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। रात तकरीबन 3:15 पर छतरपुर के मिशन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे चार दिन से वेंटिलेटर पर थे। प्रसिद्ध कलाकार छतरपुर जिले एवं बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि देश विदेशों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनके जाने को व्यक्तिगत क्षति बताया है।
अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में राज करने वाले देशराज पटेरिया अपने गायन में श्रृंगार, भक्ति और वीर रस का अद्भुत सम्मेलन करने में माहिर थे। उनके गायन को हमेशा उन्होंने उत्कृष्टता और जीवंत कला को समर्पित किया था। मुकेश कुमार को आदर्श मानने वाले लोकगीत गायक देशराज पटेरिया का ऐसे चला जाना निश्चित ही मध्य प्रदेश के लिए एक अपूर्ण क्षति है।
देशराज पटैरिया छतरपुर जिले नौगांव कस्बे के तिटानी गांव के रहने वाले थे। गाने का शौक उन्हे बचपन से ही था। 18 साल की उम्र से ही वो कीर्तन मंडलियों में भाग लेकर गांव-गांव गायन करने जाते थे। गायन कला के साथ-साथ उन्होंने प्रथम श्रेणी हायर सेकंडरी की परीक्षा पास की। 1976 में उन्होंने लोकगीत के गायन का सफर शुरु किया और फिर कामयाबी की सीढ़ीयां चढ़ते गए। पटेरिया बताते थे कि अमरदान मेरे गुरू थे उन्ही से मैंने लोकगीत की गायन कला सीखी। उन्होंने अपनी साफ सुथरी गायकी में हमेशा श्रृंगार, भक्ति एवं वीर रस को प्रस्तुत किया। वो किसान की लली, खेत खलियान को चली मगरे पर बोल रहा था कऊआ लगत तेरे मायके से आ गए लिबऊआ.. जैसे ऐसे सैकड़ों गीत है जो लोगों की जुबान पर आज भी हैं और हमेशा रहेंगे।
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