राजनाथ सिंह की चीन को दो टूक, भारत अपनी सीमा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
नई दिल्ली। मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों के बारे में खुलकर और गहन चर्चा की इस बारे में रक्षा मंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रमक रवैया है। ऐसा चलता रहा तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। चीनी सैनिकों की कार्रवाइयों, सीमा पर बड़ी संख्या में एकत्र होना, उनका आक्रामक व्यवहार और यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।
Defence Minister emphasised that the actions of the Chinese troops, including amassing of large number of troops, their aggressive behaviour and attempts to unilaterally alter the status quo were in violation of the bilateral agreements: Defence Minister’s Office https://t.co/4yEVHtWoCW” rel=”nofollow pic.twitter.com/U2Y6qfsqiN
— ANI (@ANI) September 5, 2020
हमारे इरादे को लेकर किसी भ्रम में न रहे चीन
भारत-चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बातचीत को लेकर ट्विटर पर दी गई जानकारी में कहा गया कि भारत सीमा प्रबंधन के प्रति जिम्मेदारी निभा रहा है और निभाता रहेगा, लेकिन अपनी संप्रभुता और अखंडता से कभी कोई समझौता नहीं करेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि बॉर्डर मैनेजमेंट के प्रति भारतीय सैनिकों का रवैया हमेशा से जिम्मेदाराना रहा है, लेकिन भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने संदेश दिया कि एलएसी पर पूरी तरह से शांति की बहाली के लिए भारत और चीन को राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए। इसके जरिए सीमा से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी सुनिश्चित करना होगा।
शंघाई सहयोग संगठन में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आतंकवाद की सभी रूपों और इसके समर्थकों की निंदा करता है। राजनाथ सिंह ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्यों के बीच एक- दूसरे के प्रति गैर-आक्रामकता का परिचय दें। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा चीन के रक्षा मंत्री भी भाग ले रहे हैं।
चीन को दिखाया आईना
लद्दाख में ताजा झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस अहम बैठक में शामिल होना बेहद महत्वपूर्ण है। राजनाथ सिंह ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है। शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्यों के बीच एकदूसरे के प्रति विश्वास हो…. साथ ही संवेदनशीलता और गैर-आक्रामकता का परिचय दिया जाए। रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए आक्रामकता ठीक नहीं है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.