SC ने केंद्र से कहा- मोराटोरियम की अवधि के लिए ब्याज पर ब्याज नहीं लेने पर करिए विचार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से मोराटोरियम अवधि के लिए ब्याज पर ब्याज नहीं लेने पर विचार करने को कहा है। लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया। समाचार एजेंसी आइएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों को दो सप्ताह के भीतर सेक्टर के हिसाब से लोन रिस्ट्रक्चरिंग, ब्याज पर ब्याज जैसे अहम मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के बाद ठोस निर्णय लेने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मोराटोरियम की अवधि बढ़ाए जाने, मोराटोरियम की अवधि के लिए ब्याज पर ब्याज एवं अन्य संबंधित मुद्दों पर निर्णय करने के लिए एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर केंद्र को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तारीख मुकर्रर की।
शीर्ष न्यायालय ने साथ ही कहा कि उसके द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक प्रभावी रहेंगे। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में कहा था कि जिन अकाउंट्स को 31 अगस्त तक एनपीए घोषित नहीं किया गया है, उन्हें मामले की सुनवाई पूरी होने तक एनपीए घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी ‘एएनआइ’ के एक ट्वीट के मुताबिक सुनवाई के दौरान लेनदारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने अपनी बात रखी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा, ”लोन के मामलों में अब भी चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जा रहा है। ऐसे में लोगों को राहत कहां मिल रही है? कर्जों का पुनर्गठ किया जा रहा है, जिसे पूर्व में किया जाना चाहिए था।”
दत्ता ने कहा कि लाखों लोग अपनी बीमारियों के उपचार के लिए अस्पतालों में हैं, कई लोगों की आमदनी का जरिया खत्म हो गया है। केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए एवं मोराटोरियम और ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने को लेकर फैसला करना चाहिए।
Loan moratorium case in Supreme Court Loan: Senior advocate, Rajeev Dutta, appearing for a set of borrowers, told the Court that compound interest is still being charged in loan cases. Where is the relief? Loans being restructured, that should have been done earlier. #COVID19
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