Tata Sons और मिस्त्री समूह के बीच तकरार और बढ़ी, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप और टाटा संस एक बार फिर आमने-सामने आते दिख रहे हैं। इस बार मामला शेयर गिरवी रखकर धन जुटाने से जुड़ा है। दरअसल, टाटा समूह ने शेयरों को गिरवी रखने के मिस्त्री समूह की कोशिश को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। शापूरजी पल्लोनजी (एसपी) ग्रुप ने शुक्रवार को टाटा संस की इस कोशिश को अल्पांश शेयरधारकों के अधिकारों का हनन और बदले की भावना से की जाने वाली कार्रवाई करार दिया है। टाटा समूह की 18.37 फीसद हिस्सेदारी शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के पास है।
उल्लेखनीय है कि Tata Sons ने पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसका लक्ष्य मिस्त्री समूह को अपने टाटा संस के शेयरों से पूंजी जुटाने के प्रयास को रोकना है। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप विभिन्न फंड्स के जरिए 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। समूह ने कनाडा के एक निवेशक से टाटा संस में अपनी 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी में से एक हिस्से के लिए पहले चरण में 3,750 करोड़ रुपये का करार किया है।
Tata Sons में शापूरजी पल्लोनजी समूह की हिस्सेदारी का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। कनाडा के इंवेस्टर के साथ के साथ शापूरजी पल्लोनजी समूह द्वारा करार किए जाने के एक दिन बाद टाटा संस ने यह कदम उठाया।
एसपी समूह के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कहा, ”टाटा संस की इस विद्वेषपूर्ण कार्रवाई का लक्ष्य धन जुटाने की हमारी योजना में बाधा उत्पन्न करना है। इससे शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की विभिन्न इकाइयों के 60,000 कर्मचारियों के साथ एक लाख प्रवासी मजदूर का भविष्य प्रभावित होगा। प्रवक्ता ने कहा कि इससे ग्रुप को काफी नुकसान होगा। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष टाटा के इस दावे को समूह कड़ी चुनौती देगा।
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