ऑपरेशन ग्रीन की विफलता से आलू, प्याज व टमाटर की कीमत बेकाबू, जानिए- कब घटेंगे दाम

नई दिल्ली। राजनीतिक रूप से अति संवेदनशील सब्जियां टमाटर, प्याज और आलू की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने के लिए चलाया गया ऑपरेशन ग्रीन सफल नहीं रहा। इससे सब्जी बाजार में इन प्रमुख जिंसों का संतुलन बिगड़ गया, जिससे इनकी कीमतें बेकाबू हैं। देश के सभी महानगरों में आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो के भाव बिकने लगा है। हालांकि, प्याज और टमाटर की आपूर्ति बाधित होने इसकी कीमतें भी तेज हो गई हैं। बागवानी फसलों की पैदावार के अनुमान के आंकड़ों पर भी संदेह है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन पिछले साल (2018-19) के मुकाबले अधिक हुआ है, जबकि इन प्रमुख सब्जियों के कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू का स्टॉक पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू सीजन के लिए आलू की कुल पैदावार 5.13 करोड़ टन हुई थी, जो पिछले साल के मुकाबले मामूली रूप से ज्यादा है। सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 1.5 करोड़ टन से अधिक आलू का उत्पादन होता है। लेकिन बेमौसमी ने खेतों में लगी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसका अनुमान लगाने में चूक हुई है।

इसी तरह आलू उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा राज्य पश्चिम बंगाल है, जहां 14 से 15 लाख टन उत्पादन कम हुआ। वहां केवल 86 लाख टन आलू की पैदावार हुई थी। इन दोनों बड़े आलू उत्पादक राज्यों में उत्पादन घटने की वजह से आपूर्ति बाधित हुई है। कोल्ड स्टोर में पड़े आलू की सर्वाधिक मांग इस समय बोआई के लिए है। टमाटर, प्याज और आपूर्ति की सालभर बनाए रखने के लिए आपरेशन ग्रीन योजना का बेअसर साबित हुई है।

इन जिंसों के लिए केंद्र सरकार की टॉप (टोमैटो, आनियन व पोटैटो) स्कीम के तहत कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चेन और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने की योजना थी। इस योजना को चलाने का दायित्व फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को दिया गया। इसमें किसान उत्पादक संगठन का गठन के साथ उन्हें पोस्ट हार्वेस्टिंग में नुकसान रोकने जैसी तकनीक को अपनाने और इन संवेदनशील फसलों की खेती पर जोर देना था, लेकिन बात नहीं बनी

यह योजना वर्ष 2018-19 के आम बजट में घोषित की गई, लेकिन योजना के कारगर साबित न होने की दशा में ही उसमें इन तीन प्रमुख जिंसों के अलावा बाकी हरी सब्जियों को भी शामिल कर दिया गया। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, अमृतसर, लुधियाना और चेन्नई में आलू का भाव 37 से 45 रुपये प्रति किलो छूने लगा है

आलू कारोबारियों के मुताबिक, कीमतों में गिरावट नवंबर में आलू की नई फसल के आने से पहले तक नहीं आएगी। कोल्ड स्टोर में रखे आलू की सर्वाधिक मांग बोआई के लिए होने लगी है। इसलिए सब्जी में आलू की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। मानसून की सक्रियता के चलते टमाटर व प्याज की आपूर्ति भी कई जगहों पर बाधित हो रही है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

आप भी जानें, Congress के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने क्यों कहा- ‘झूठ की खेती’ करती है भाजपा     |     आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का दो दिवसीय लखनऊ दौरा आज से, सीतापुर भी जाएंगे     |     यमुना एक्सप्रेस वे पर पलटी पश्चिम बंगाल के यात्रियों से भरी बस, 20 घायल     |     युवती ने घर फोन कर कहा बेहोश हो रही हूं, पुलिस ने चेक किया तो मैसेंजर पर प्रेमी से बात करती मिली     |     लखनऊ में न‍िकाह के तीसरे दिन घर में हाइवोल्‍टेज ड्रामा, गुस्‍साए युवक ने गोमती में लगाई छलांग     |     उत्‍तराखंड में कोरोना की वापसी, बुधवार को आए कोरोना के 110 नए मामले     |     राज्य के शिक्षक संघों को सरकार से आस, शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात     |     बीएमपी-दो टैंक से घुप्प अंधेरे में भी नहीं बचेंगे दुश्मन, ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने आत्मनिर्भर भारत के तहत विकसित की नाइट साइट     |     रुतबा जमाने के लिए स्‍टोन क्रशर के मालिक ने गांव में की फायरिंग, दहशत में ग्रामीण     |     युवाओं को नागवार गुजरी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ‘संस्कारी नसीहत’     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें-8418855555