Parliament Session : भारत-चीन सीमा विवाद पर आज बयान दे सकते हैं राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को संसद में भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी विवाद पर बयान दे सकते हैं। रक्षा मंत्री का बयान इस मामले में अहम होगा, क्योंकि विपक्ष ने इस मुद्दे पर बहस की मांग की है। राजनाथ सिंह ने हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग से मुलाकात की थी। उनके कुछ दिन बाद ही मॉस्को में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बातचीत हुई थी।
गलवन में हुए टकराव में मारे गए चीन के 60 सैनिक
भारत के लद्दाख इलाके में चीन की सेना की हालिया घुसपैठ के कर्ताधर्ता खुद राष्ट्रपति शी चिनफिंग हैं। लेकिन भारतीय सेना ने जिस आक्रामक ढंग से जवाब दिया, उससे चीनी नेतृत्व अचंभित है। 15 जून को गलवन घाटी में हुए हिंसक टकराव में जहां 20 भारतीय सैनिक की जान गई, वहीं जवाबी कार्रवाई में चीन के कम से कम 43 सैनिक मारे गए, यह संख्या 60 भी हो सकती है। भारत के इस अप्रत्याशित जवाब से चीन का कदम फ्लॉप साबित हुआ। चीनी राष्ट्रपति अब भविष्य में अपने देश में पैदा होने वाली चुनौती के मद्देनजर बचाव का रास्ता तलाश रहे हैं। यह बात अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका न्यूजवीक ने अपने ताजा अंक में कही है। पत्रिका ने लिखा है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऐसे में चिनफिंग के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। भारतीय सीमा पर चीन की सेना की विफलता पार्टी संगठन में चिनफिंग के लिए भारी पड़ सकती है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का विफल होना चिनफिंग को दुष्परिणाम दे सकता है।
वायुसेना ने चीन की गतिविधियों पर बना रखी है पैनी नजर
राफेल आने से और मजबूत हुई वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी के स्तर को और बढ़ा दिया है। वायुसेना ने चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए कांबेट एयर पेट्रो¨लग में बढ़ोतरी की है। लद्दाख के आसमान पर इस समय फाइटर, हेलीकॉप्टरों व ट्रांसपोर्ट विमानों का दबदबा है। फाइटर विमानों की गर्जना भारतीय जवानों व लद्दाख के लोगों का हौसला बढ़ा रही है। वहीं, चीन के दिल में डर पैदा कर रही है। इस समय भारतीय वायुसेना तिब्बत में चीन की हवाई गतिविधियों पर नजर रखने के साथ अपनी मारक क्षमता को भी लगातार बढ़ा रही है।
पीएम मोदी ने दिया सेना के पीछे एकजुटता का संदेश
चीन के साथ सीमा पर तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी दलों से सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना के पीछे पूरे देश की एकजुटता का मजबूत संदेश इस सदन की और खासकर इस सत्र की विशेष जिम्मेदारी है। संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सेना के जवान बड़ी हिम्मत, जज्बे और बुलंद हौसलों के साथ दुर्गम पहाडि़यों पर डटे हुए हैं। उनके अनुसार, कुछ समय बाद बर्फ और बारिस भी शुरू होगी। लेकिन इसके बावजूद हमारे जवान पूरे विश्वास के साथ सीमा पर खड़े हैं और मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे में यह संदेश जाना बहुत जरूरी हो जाता है कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है। संसद और सांसदों के माध्यम से खड़ा है। ये बहुत ही मजबूत संदेश भी ये सदन देगा, सभी सदस्य देंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.