कृषि विधेयकों के विरोध में 25 को पंजाब बंद व 24 से 26 तक रेल जाम, कांग्रेस विधायक का इस्तीफा
चंडीगढ़। Punjab Band: पंजाब में कृषि विधेयकों के विरोध में किान उग्र हो रहे हैं। किसान संगठनों ने 25 सितंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया है। इसके साथ ही वे 24 से 26 सितंबर तक रेल चक्का जाम करेंगे। दूसरी ओर, फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस विधायक कुलजीत नागरा ने कृषि विधेयक के विरोध में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ट्वीट करके अपने इस्तीफे की जानकारी दी।
नागरा ने कहा कि वह इस काले दिन का साक्षी नहीं बनना चाहते और लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि के रूप में वह यह सहन नहीं कर सकते कि किसानों के साथ केंद्र सरकार इस तरह का व्यवहार कर रही हो और हम चुप बैठे रहें। मेरी आत्मा इस बात की इजाजत नहीं दे रही है इसलिए मैंने किसानों के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
काबिले गौर है कि कुलजीत नागरा राहुल गांधी की यूथ ब्रिगेड के सदस्य माने जाते हैं और लगातार दूसरी बार फतेहगढ़ साहब से कांग्रेस पार्टी के विधायक बने हैं। 2012 में राहुल गांधी के कोटे से जिन युवाओं को टिकट मिला था उन्हेंं कुलजीत नागरा का भी नाम था। नागरा जो पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र नेता भी रहे हैं ने कहा कि यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने इस्तीफा किसी दबाव में आकर नहीं दिया है। हाल ही कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर जो फेरबदल किया था उसमें पंजाब से केवल नागरा को ही लिया गया था।
25 को पंजाब बंद, 24 से 26 तक रेल का चक्का जाम
उधर, कृषि अध्याधेश के खिलाफ किसानों को गुस्सा थम नहीं रहा। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने 24 सितंबर से 26 सितंबर तक 48 घंटों के लिए राज्यभर में रोल रोकने का फैसला लिया है। देश की 250 किसान मजदूर जत्थेबंदियों पर आधारित तालमेल संघर्ष कमेटी के आह्वान पर 25 सितंबर को पंजाब बंद की कॉल भी की गई। किसानों ने कहा कि बाजार भी खोलने नहीं दिए जाएंगे।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने 24 से 26 सितंबा क पंजाब मे रेल रोको आंदोलन चलाने का फैसला किया है। किसान व खेतिहर मजदूर विरोधी कृषि विधेयकों के खिलाफ इस दौरान राज्य में ट्रेनों का चक्का जाम किया जाएगा
20 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल और पटियाला में चल रहे धरने में जत्थे भेजने का भी फैसला लिया गया। किसानों ने वीरवार को पटियाला में पावरकॉम कार्यालय के बाहर उन्होंने धरना दिया। माल रोड पर भी एक घंटे तक जाम लगाया।
अमृतसर में किसानों ने ऐलान किया कि जेल भरो आंदोलन राज्यभर के डीसी कार्यालय में बाहर चल ही रहा है। आंदोलन 1 अक्टूबर तक जारी रहेगा। किसानों ने मांग की कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। शांतकुमार कमेटी के प्रस्तावों को रद किया जाए।