ग्राहकों को मोबाइल टैरिफ की साफ-साफ जानकारी दें कंपनियां, दूरसंचार कंपनियों पर ट्राई ने कसी नकेल
नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियां अब अपने मोबाइल टैरिफ प्लान में अस्पष्ट और भ्रामक शर्ते नहीं रख सकेंगी। दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ योजनाओं के प्रकाशन और विज्ञापन के लिए नए नियम जारी किए हैं। इससे ग्राहकों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि उनके लिए कौन सा प्लान बेहतर है और उसके तहत उन्हें क्या सुविधाएं मिलने वाली हैं।
ट्राई ने नियमों को सख्त करते हुए कंपनियों से कहा है कि वे 15 दिनों के भीतर अपने सभी ग्राहकों के लिए उनसे संबंधित टैरिफ और अन्य जानकारियां प्रकाशित करें। उन्हें ये सभी जानकारियां अपने कस्टमर केयर सेंटर, बिक्री की जगहों, खुदरा दुकानों समेत ऐसे सभी केंद्रों पर देनी होगी, जहां कंपनी और ग्राहक का सीधा संपर्क होता हो।
ट्राई का ग्राहक केंद्रित यह कदम इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोबाइल टैरिफ की जानकारी प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को अक्सर कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी कई बार इतनी अधूरी होती है या उसमें ऐसे भेद छुपे होते हैं, जिन्हें ग्राहक आसानी से समझ नहीं पाते हैं। ग्राहकों को इन्हीं दिक्कतों से छुटकारा दिलाने के लिए ट्राई ने कंपनियों के लिए टैरिफ प्रकाशन और उससे संबंधित विज्ञापनों पर निर्देश जारी किए।
अपने निर्देश में ट्राई ने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अपनाए गए मौजूदा उपाय पारदर्शी नहीं हैं। कुछ कंपनियां अतिरिक्त नियमों और शर्तो को प्रमुखता से उजागर नहीं कर रही हैं। इसके अलावा वे उनमें ऐसे नियम और शर्ते भी लागू कर रही हैं, जिन्हें अच्छी तरह समझ पाना सभी ग्राहकों के लिए आसान नहीं है। टेलीकॉम कंपनियां महज एक वेब-पेज पर इतने टैरिफ प्लान डाल देती हैं कि सबके बारे में समुचित जानकारी ग्राहकों को मिल नहीं पाती है।
इनकी जानकारी देंगी कंपनियां
– कॉल, डाटा और एसएमएस की संख्या व मात्रा, इसकी दरें, उपयोग की सीमा और उससे अधिक उपयोग की स्थिति में डाटा की स्पीड
– पोस्टपेड सेवाओं के लिए रेंटल, जमा, कनेक्शन चार्ज, टॉप-अप संबंधी चार्ज और विभिन्न सेवाओं के लिए टैरिफ वाउचर समेत अन्य विवरण
यह है मामला
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआइएल) के रेडएक्स प्लान पर नियामक ने सवाल उठाया था। ट्राई ने इस प्लान को लेकर कंपनी को पिछले महीने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। ट्राई का कहना था कि यह भ्रामक और नियामकीय रूपरेखा के अनुकूल नहीं है। उसके बाद इसी सप्ताह वोडाफोन आइडिया ने यह प्लान वापस ले लिया।
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