दीपक कोचर को निजी अस्पताल में इलाज कराने की मिली इजाजत
मुंबई। विशेष पीएमएलए अदालत ने शनिवार को आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को निजी अस्पताल में इलाज कराने की इजाजत दे दी। दीपक कोचर को पांच दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। फिलहाल वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में अपना इलाज करा रहे हैं। आइसीआइसीआइ बैंक-वीडियोकॉन मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी महीने उनको गिरफ्तार किया था।
उनको मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।विजय अग्रवाल के नेतृत्व में कोचर की कानूनी टीम ने विशेष अदालत से उन्हें दिल्ली या गुरुग्राम के निजी अस्पताल में भर्ती कराने की अनुमति मांगी थी। उनके वकीलों ने कहा कि उनको स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और बढ़े हुए प्रोस्टेट के अलावा किडनी में पथरी की भी समस्या रही है। विशेष न्यायाधीश मिलिंद कुर्तादिकर ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल या गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपने खर्च पर इलाज की अनुमति दे दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने किया था इनकार
मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए आइसीआसीआइ की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुग्राम या दिल्ली के निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग को भी ठुकरा दिया है। कोरोना संक्रमित दीपक वर्तमान हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स द्वारा संचालित नेशनल कैंस इंस्टीट्यूट में भर्ती हैं। दीपक ने अपने खर्च पर गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल, दिल्ली के मैक्स या सर गंगाराम हॉस्पिटल के अलावा किसी भी निजी अस्पताल के निजी वार्ड में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति एजे भंभानी ने कहा कि दीपक वर्तमान में मनी लांड्रिंग मामले में मुंबई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसे में हाई कोर्ट उन्हें स्थानांतरित करने का आदेश नहीं दे सकता है। हालांकि, ईडी के अपने खर्च पर निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने पर उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन समस्या सिर्फ इतनी है कि दीपक इस समय मुंबई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं और स्थानांतरण से पहले मुंबई की विशेष अदालत से आदेश लेना पड़ेगा।
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