कानपुर में हकीकत के पर्दे पर उतरी फिल्म खुदा हाफिज, नरगिस जैसी है महिला की दर्दनाक कहानी
कानपुर। हाल ही वेब पर रिलीज हुई अभिनेता विदु्यत जामवाल फिल्म खुदा हाफिज कानुपर में हकीकत के पर्दे पर उतर आई। फिल्म में एक पति अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए लड़ाई लड़ता है, ठीक उसी तरह कानपुर में भी एक बेटे ने अपनी मां को ओमान से वापस लाने के लिए संघर्ष किया। इस बेटे की कहानी भी बिल्कुल फिल्म के किरदार समीर चौधरी तो उसकी मां की दर्दनाक दास्तां नरगिस जैसी ही है।
उसने विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई तब हरकत में आए भारतीय दूतावास ने महिला को खोजकर वापस भारत भेजने का बंदोबस्त किया है। नौकरी दिलाने के बहाने ओमान भेजी गई बेकनगंज की महिला ने दस महीने उत्पीडऩ सहती रही, मारपीट का शिकार हुई और उसे बच भी दिया गया।
इस तरह ओमान पहुंची महिला
हीरामन का पुरवा बाबू हम्जा का हाता बेकनगंज में रहने वाली 55 वर्षीय अलीमुन्निसा को ट्रेवल एजेंट ने विजिट वीजा से नौकरी के लिए 23 अक्टूबर 2019 को ओमान भेजा था। उससे यह कहा गया था कि उसे वहां दो छोटे बेटों व एक बूढ़ी औरत के साथ रहना है। इसके बदले भारतीय करेंसी में 16 हजार रुपये और खाना-रहना मुफ्त होगा। अलीमुन्निसा ने बताया कि ओमान के मस्कट शहर पहुंचने पर उसे दूसरे एजेंट को बेच दिया गया। एजेंट ने उसे फातिमा नाम की महिला के सुपुर्द कर दिया।
जानवरों जैसा बर्ताव
अलीमुन्निसा के मुताबिक ओमान में फातिमा नाम की महिला उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव करती थी। उसे मारापीटा जाता और उत्पीड़न किया जाता रहा, फातिमा उसे किसी दूसरे आदमी के हवाले करना चाहती थी। इसके लिए फातिमा ने उस आदमी से रुपये भी ले लिये थे। इस बीच उसने किसी तरह भारत में बेटे मोहसिन से संपर्क किया और सारी बात बताई। मां की हालत की जानकारी होने पर मोहसिन तड़प उठा और परिचितों को जानकारी दी। वह खुद ओमान जाने की सोचने लगा लेकिन परिचितों के कहने पर उसने सबसे पहले सरकार से मदद की गुहार लगाई। इस मुद्दे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था।
विदेश मंत्रालय और मानवाधिकार को भेजा पत्र
मोहसिन ने मां को छुड़ाने के लिए विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेज ओमान में मां को बेचने की बात बताई। इस बीच ओमान में विजय लक्ष्मी नाम की समाजसेवी ने भी उनको भारतीय दूतावास तक पहुंचने में मदद की। वहां संपर्क करने के बाद उनको शेल्टर होम में रखा गया। पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज मिलने के बाद उनको मस्कट से 25 अगस्त को लखनऊ भेज दिया गया, वहां से वे कानपुर आ गईं। ओमान से लौटी महिला ने अपने साथ हुए जुल्म की दास्ता बयां की है।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.