5 घंटे एंबुलेंस का इंतजार करते रहे परिजन, कोरोना मरीज ने तड़फ-तड़फ कर तोड़ा दम
सीधी: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां कोरोना मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया लेकिन 5 घंटे एंबुलेंस का इंतजार करते करते मरीज ने तड़फ तड़फ कर जान गवा दी। दिल को दहला देने वाली यह घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले के जिला अस्पताल की है।
जानकारी के अनुसार, सीधी शहर के 40 वर्षीय कारोबारी निशांत प्रकाश श्रीवास्तव कोरोना से संक्रमित थे। 21 सितंबर को रिपोर्ट आने के बाद उन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 22 सितंबर को सुबह 8 बजे भर्ती कराया गया था। उसके बाद उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी। फिर शाम 6 बजे रीवा के लिए रेफर कर दिया गया था। उनके परिजन एंबुलेस का इंतजार कर रहे थे। लेकिन रात 11 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। 5 घंटे के बाद जब एंबुलेस आई तो दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया गया। जहां आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ जॉन ने एंबुलेंस में रखे गए मरीज9 बजे जब प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम आएंगे, उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि कोरोना के शिकार हुए निशांत प्रकाश श्रीवास्तव के शव को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा या उसका अंतिम संस्कार प्रशासनिक स्तर पर किया जाएगा। को देख कर मृत घोषित कर दिया।
मृतक के परिजनों का कहना है कि मरीज की शिफ्टिंग के समय भी कोरोना गाइडलाइन का उल्लघंन किया गया। स्वास्थ्यकर्मियों ने व्यवसायी के भाई को बिना पीपीई किट पहनाए ही परिजनों से स्ट्रेचर उठवाया, जो कि खुद हैवी डायबिटिक हैं। इसके बाद परिजनों को सुबह 9 बजे तक इंतजार करने की बात कही और कहा गया कि 9 बजे जब प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम आएंगे, उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि कोरोना के शिकार हुए निशांत प्रकाश श्रीवास्तव के शव को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा या उसका अंतिम संस्कार प्रशासनिक स्तर पर किया जाएगा।
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