कृषि बिल का प्रभावः केंद्र द्वारा गेंहू भंडारण के लिए सिलोस प्रोजेक्ट को देश में लागू करने कीतैयारी!

जालंधर: देश में 3 केंद्रीय कृषि बिलों को लेकर विवाद अभी थमा नहीं है और इन बिलों को राष्ट्रपति की स्वीकृति भी अभी नहीं मिली है परंतु इनमें से एक आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 (संशोधन) को देश में तीव्रता से लागू करने की तैयारी केंद्र सरकार ने कर ली है। केंद्र सरकार ने पंजाब के मोगा और हरियाणा के कैथल में गेहूं भंडारण के लिए अडानी ग्रुप द्वारा लगाए गए सिलोस के पायलट प्रोजैक्ट को देश में लागू करने का निर्णय किया है।

अडानी ग्रुप के दावे अनुसार इन सिलोस में अनाज की अनलोडिंग और सफाई करने में भी किसानों को कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही किसानों को मंडियों अथवा आढ़तियों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि किसान सीधे ही सिलोस में अपनी सीधी बिकी फसल उतार सकेंगे।

दिलचस्प बात यह है कि पंजाब में अडानी ग्रुप का यह पायलट प्रोजैक्ट वर्ष 2007 में कांग्रेस की सरकार के समय लगाया गया था और हरियाणा में तब ओम प्रकाश चौटाला की सरकार थी। अडानी ग्रुप द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ग्रुप ने पंजाब के मोगा जिले के गांव डगरू में थोक मात्रा में गेहूं के रख-रखाव, भंडारण और परिवहन की अत्याधुनिक सुविधा विकसित की है। यह यूनिट वर्ष 2000 में थोक मात्रा में रख-रखाव, भंडारण और परिवहन की भारत सरकार की राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत गठित की गई थी।

अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को वैश्विक बोली के आधार पर यह प्रोजैक्ट हासिल हुआ था। एफ.सी.आई. के साथ 20 वर्ष के अनुबंध के अंतर्गत अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स किसानों से खरीदे गए एफ.सी.आई. के गेहूं का रख-रखाव करती है, नवीनतम फ्यूमिगेशन और प्रिजर्वेशन की तकनीकों से लैस उच्च तकनीक वाले सिलोस में भंडारण करती है और इसे भारत के दक्षिणी भाग में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) में वितरण के लिए स्वयं अपनी बल्क ट्रेनों के जरिए थोक में भेजती है। दो लाख मीट्रिक टन भंडारण की सुविधा 2007 में चालू की गई थी, जो पिछले 13 वर्षों से क्षेत्र के लगभग 5500 किसानों की सेवा कर रही है। यूनिट को किसानों से जबरदस्त सराहना मिली है और पिछले 5 वर्षों में किसानों से औसत प्रत्यक्ष प्राप्ति प्रति वर्ष लगभग 80,000 मीट्रिक टन रही है।

किसानों से गेहूं की खरीद भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जाती है और सरकार द्वारा एफ.सी.आई. द्वारा भुगतान आमतौर पर 48-72 घंटों के भीतर कर दिया जाता है। अडानी ग्रुप गेहूं के संरक्षक के रूप में कार्य करता है जो एफ.सी.आई. की संपत्ति बना रहता है। गेहूं की खरीदी के समय जब किसान और प्रशासन को मंडियों में व्यापक और अनियंत्रित भरमार की चुनौती झेलनी पड़ती है, ऐसे में अडानी ग्रुप की यह सुविधा किसानों को होने वाली परेशानी को कम करने और साथ ही प्रशासन के काम के बोझ को हल्का करने के लिए चौबीसों घंटे चलती रहती है।

खरीद की चरम स्थिति के दौरान यह सुविधा प्रतिदिन 1600 से अधिक वाहनों या लगभग 10,000 मीट्रिक टन अनाज का रख-रखाव करती है। किसान सीधे अपने खेतों से अनाज ला सकते हैं और अनाज के हर दाने को अत्यधिक पारदर्शी तरीके से किसानों की मौजूदगी में तोला जाता है और इस काम की परिचालन गति सुनिश्चित करती है कि किसान अपने अनाज की मैकेनाइज्ड अनलोङ्क्षडग के कुछ घंटों के भीतर ही भंडारण स्थल से लौट सकते हैं। जबकि इसी काम के लिए उन्हें पारम्परिक मंडियों में लगभग 2-3 दिन बिताने पड़ते हैं। अनाज की अनलोङ्क्षडग और सफाई करने में भी किसानों को कोई खर्च नहीं करना पड़ता है, जबकि इसके लिए उन्हें पारम्परिक मंडियों में भुगतान करना पड़ता है। इस सुविधा से किसानों को मौद्रिक लाभ भी मिलता है।

खरीद की तरफ से देखें तो सरकारी खरीद एजैंसियां भी श्रम लागत, परिवहन लागत और बोरियों पर काफी बचत करती हैं क्योंकि अधिकांश कार्गो थोक में संभाला जाता है। इसके अलावा सिलोस भंडारण में फसल को पोर्ट करने में नुक्सान नगण्य है, जिससे सरकार को भारी मात्रा में अनाज की बचत होती है। सिलोस में संग्रहित खाद्य अनाज चार साल तक ताजा रहता है। इस पायलट प्रोजैक्ट की सफलता के कारण, भारत सरकार देश में कई ऐसी यूनिट्स शुरू करने जा रही है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

आप भी जानें, Congress के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने क्यों कहा- ‘झूठ की खेती’ करती है भाजपा     |     आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का दो दिवसीय लखनऊ दौरा आज से, सीतापुर भी जाएंगे     |     यमुना एक्सप्रेस वे पर पलटी पश्चिम बंगाल के यात्रियों से भरी बस, 20 घायल     |     युवती ने घर फोन कर कहा बेहोश हो रही हूं, पुलिस ने चेक किया तो मैसेंजर पर प्रेमी से बात करती मिली     |     लखनऊ में न‍िकाह के तीसरे दिन घर में हाइवोल्‍टेज ड्रामा, गुस्‍साए युवक ने गोमती में लगाई छलांग     |     उत्‍तराखंड में कोरोना की वापसी, बुधवार को आए कोरोना के 110 नए मामले     |     राज्य के शिक्षक संघों को सरकार से आस, शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात     |     बीएमपी-दो टैंक से घुप्प अंधेरे में भी नहीं बचेंगे दुश्मन, ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने आत्मनिर्भर भारत के तहत विकसित की नाइट साइट     |     रुतबा जमाने के लिए स्‍टोन क्रशर के मालिक ने गांव में की फायरिंग, दहशत में ग्रामीण     |     युवाओं को नागवार गुजरी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ‘संस्कारी नसीहत’     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें-8418855555